आखिर क्यों युवाओं के साथ छलावा कर रही हरियाणा सरकार?

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कोरोना वायरस के कारण पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है। इस दौरान कई जगहों पर सरकारी भर्तियों को भी रोक दिया गया है। जिससे लोगों में काफी गुस्सा है। पढ़ें युवा डाइनामाइट की खास रिपोर्ट..

हरियाणाः सोमवार को हरियाणा की मनोहर सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण और आर्थिक संकट को देखते हुए सरकारी नौकरियों की भर्ती पर रोक लगा दी है। सरकार का कहना है कि प्रदेश में महामारी से उपजे हुए आर्थिक संकट को देखते हुए ऐसा करना पड़ा है। खट्टर सरकार के इस फैसले का ‘युवा हल्ला बोल’ ने विरोध किया है।

“युवा हल्ला बोल” एक ऐसी संगठन है जो देश में युवाओं के हक के लिए लगातार लड़ती है। हरियाणा सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए इस संगठन का मानना है कि ये घोषणा से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी कर देगा। पहले से कोरोना महामारी के चलते अचानक हुए लॉकडाउन के कारण छात्र/छात्राएं परेशानी में आ चुके हैं जो कि दिल्ली, चंडीगढ़ और अन्य बड़े शहरों में रहकर विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। उनके सामने किराया देने और खाने की समस्या पहले से चल रही है और अब अचानक नयी घोषणा उनको और परेशान कर रही है।

अगले एक साल तक हरियाणा में कोई नई भर्ती नहीं होगी जिसको भले ही कोरोना महामारी कारण बताया जा रहा हो लेकिन असल मुद्दा ये है कि हरियाणा का चुनाव अभी दूर है। हरियाणा के युवाओं के साथ हो रहे इस धोखे का हम पुरजोर विरोध करते हैं।

सरकार ने एक तरफ कारोबारियों से अपील किया गया कि कोई भी ऐसा कदम न उठाएं जिससे इस कठिन दौर में बेरोजगारी बढ़े। लेकिन बेरोजगारी में नंबर 1 हरियाणा ने ही भर्तियों पर रोक लगा दी।

हरियाणा के हर एक गांव में बड़ी संख्या में छात्र सरकारी नौकरी की चाह रखते हैं ऐसे मे नई सरकारी भर्तियों पर रोक इन छात्रों के साथ अन्याय है। सरकार से विनम्र अनुरोध है कि सरकारी नौकरियों की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के बारे में सोचें और भर्तियों से रोक को हटाएं।

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