यूपी में 2250 फार्मेसी कॉलेजों की काउंसलिंग तीसरी बार स्थगित हो गई है। प्रदेश में 1.12 लाख बच्चे फार्मेसी कॉलेज में प्रवेश के लिए काउंसलिंग का इंतजार कर रहे हैं।
लखनऊ: राजधानी लखनऊ समेत यूपी के 2050 फार्मेसी कॉलेजों में प्रवेश को लेकर संशय बना है। यह पूरा मामला पीसीआई की ओर से प्रदेश के फार्मेसी कॉलेजों को मान्यता नहीं देने का है। पीसीआई प्रत्येक वर्ष फार्मेसी कॉलेजों को मान्यता प्रदान करता है, जिसके बाद ही काउंसलिंग और प्रवेश प्रक्रिया होती है।
जानकारी के मुताबिक प्राविधिक शिक्षा परिषद को अभी सिर्फ 890 कॉलेज के मान्यता संबंधित एनओसी प्राप्त हुए हैं। जिन 890 कॉलेज की एनओसी प्राप्त हुई है वह खुद परिषद ने कॉलेज से यूराइज पोर्टल के माध्यम से प्राप्त किए हैं। ऐसे में 9 अक्टूबर से प्रस्तावित फार्मेसी कॉलेज की काउंसलिंग की प्रक्रिया सभी कॉलेजों के मान्यता की डिटेल ना मिल पाने के कारण तीसरी बार स्थगित की गई।
काउंसलिंग का इंतजार
प्रदेश में 1.12 लाख बच्चे फार्मेसी कॉलेज में प्रवेश के लिए काउंसलिंग का इंतजार कर रहे हैं। वहीं पीसीआई ने प्रवेश की अनुमति दी, लेकिन मान्यता के लिए 30 नवंबर तक का समय दे रखा है। पीसीआई ने प्रदेश के उन कॉलेजों को काउंसलिग शुरू करने की हरी झंडी दे दी, जिनको मान्यता मिली हुई है।
कॉलेजों ने काउंसलिंग प्रक्रिया नहीं की शुरू
यदि कुछ कॉलेजों में काउंसलिंग होती है और कुछ में नहीं तो मामला न्यायालय में जाने का संभावना है। इसी आशंका के चलते कॉलेजों ने काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू ही नहीं की। फार्मेसी काउंसिल ने सितंबर के महीने में प्राविधिक शिक्षा परिषद को एक पत्र भेज कर कहा था कि वह 30 नवंबर से पहले कॉलेज के मान्यता संबंधित प्रक्रिया को पूरा नहीं कर सकता है। फिर बाद में प्रवेश के विलंब होने का हवाला जब परिषद की तरफ से दिया गया तो काउंसिल ने प्रवेश की अनुमति दी।