नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने युवाओं के लिए इंटर्नशिप स्कीम का ऐलान किया है। जिसमें छात्रों को टॉप कंपनियों में अपना स्किल डेवलैप करने का मौका मिलेगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जिन छात्रों ने आईआईटी,आईआईएम और आईआईएसईआर से पढ़ाई की है, उन छात्रों को इस इंटर्नशिप योजना का लाभ नहीं मिलेगी।
जानकारी के अनुसार कॉर्पोरेट मंत्रालय इस महीने के अंत या अक्तूबर के पहले सप्ताह तक इंटर्नशिप योजना पोर्टल चालू कर देगा। इस पर कंपनियां अपने पास उपलब्ध इंटर्नशिप की जानकारी साझा करेगी। इन कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा स्टील और आईसीआईसीआई बैंक प्रमुख है।
इसी पोर्टल के तहत इंटर्नशिप योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। इस योजना से जुड़े अफसरों का कहना है कि,इस योजना को अंतिम रूप देने का काम जोरों पर है। सरकार तमाम कंपनियों से संपर्क कर रही है।
ऐसे होगा चयन
इस स्कीम में उम्मीदवार पहले इंटर्नशिप के लिए अपना आवेदन करेंगे। जिन्होंने फुल टाइम कोर्स किया हो। कंपनियों के हिसाब से युवाओं की प्रोफाइल तैयार की जाएगी। इसके अलावा युवाओं को योग्यताओं के हिसाब से इंटर्नशिप मिलेगी। इसके बाद मंत्रालय की समिति प्राप्त आवेदनों का चयन करेगी। फिर ये संबंधित कंपनियों को भेजे जाएगे।
समिति द्वारा एक पद के लिए दो उम्मीदवारों नाम प्रस्तावित किए जाएंगे। इसके बाद कंपनियां अपनी जरूरत के आधार पर उम्मीदवारों का चयन करेगी। वहीं कंपनी आवेदन को अस्वीकार भी कर सकती हैं।
इन युवाओं को मिलेगा इंटर्नशिप का मौका
जिन छात्रों के परिवार में कोई सरकारी नौकरी करता है या परिवार में कोई इनकम टैक्स देता है, उन छात्रों को भी इस इंटर्नशिप योजना का लाभ नहीं मिलेगा। साथ में केवल 21 से 24 साल के बाच के युवा ही इंटर्नशिप पा सकते हैं। हालांकि इंटर्नशिप पाने के लिए कैसे आवेदन करना है, इस बारे में सरकार की तरफ से कोई अपडेट नहीं आया है।
जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत केंद्र सरकार का टारगेट है कि इंटर्नशिप योजना के जरिये अगले 5 साल में देश की शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को कौशल प्रदान करना है। इसके तहत युवाओं को 12 महीने तक वास्तविक कारोबारी माहौल और विभिन्न पेशेवर और रोजगार के अवसरों से परिचित कराया जाएगा।
केंद्र सरकार इस योजना के तहत 6,000 रुपये की एकमुश्त सहायता और 5,000 रुपये प्रति महीने इंटर्नशिप भत्ता भी देगी। जबकि सरकार कंपनियों से अपेक्षा करेगी कि वे 10 फीसदी प्रशिक्षण एवं इंटर्नशिप लागत का वहन अपने सीएसआर कोष से करें। हालांकि यह योजना कंपनियों के लिए स्वैच्छिक है। इसलिए कंपनियां स्वैच्छिक आधार पर इसे अपना सकती हैं।