ज्वलंत मुद्दाः भ्रष्टाचार की गहरी होती जड़.. कैसे लगे अंकुश?
भारत में भ्रष्टाचार का एक प्रमुख विषय रहा है। आजादी केबाद से ही भारत भ्रष्टाचार के दलदल में धंसा नजर आने लगा है। 21 दिसम्बर 1963 को भारत में भ्रष्टाचार के खात्मे पर संसद में हुई बहस में डॉ राममनोहर लोहिया ने जो भाषण दिया था वह आज भी प्रासंगिक है। उस वक्त डॉ लोहिया…