उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से आयोजित जूनियर इंजीनियर भर्ती परीक्षा में बीटेक की डिग्री वालों को मौका नहीं दिए जानें पर कुछ अभ्यर्थियों ने एग्जाम रद्द करने की मांग की है।
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से आयोजित जूनियर इंजीनियर भर्ती परीक्षा में डिप्लोमा वालों को तो शामिल होने का अवसर मिला, लेकिन बीटेक की डिग्री हासिल करने वालों को इस भर्ती में शामिल होने का मौका नहीं दिया गया है।
बीटेक डिग्री धारकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए मांग की है कि जूनियर इंजीनियर परीक्षा 2016 और 2018 को स्थगित या रद्द किया जाए।
बीटेक अभ्यर्थियों ने भर्ती में भेदभाव का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए गुहार लगाई है। 10 लाख से अधिक बीटेके डिग्रीधारी यूपी में हैं बेरोजगार। प्रतियोगी छात्रों ने मुख्य मंत्री को भेजे गए पत्र में लिखा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए एक अहम फैसले में कहा कि उच्च शिक्षा या योग्यता को नौकरी पाने के लिए अवगुण या दोष नहीं माना जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने जेई पदों के लिए बीटेक डिग्री धारकों को शामिल करने के आदेश के साथ यही भी उल्लेख किया है कि जेई पदों के लिए डिग्री धारकों को बाहर निकालने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि जेई पदोन्नति के बाद 50 फीसदी एई के पदों पर नियुक्त होते हैं, जिसके लिए डिग्रीधारी होना आवश्यक है।