उत्तर प्रदेश के इस प्रतिष्ठित विश्वविद्याल कुलपति पर भ्रष्टाचार से गंभीर आरोप लगे हैं। कुलपति पर बिलों के भुगतान के बदले कमीशन लेने का आरोप है। जानिए पूरा मामला
लखनऊ: छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति पर भ्रष्टाचार से गंभीर आरोप लगे हैं। कुलपति पर बिलों के भुगतान के बदले कमीशन लेने का आरोप है।
विश्वविद्यालय के कुलपति का नाम प्रोफ़ेसर विनय पाठक है। विनय पाठक पर भ्रष्टाचार के ये गंभीर आरोप कई यूनिवर्सिटी में परीक्षा संचालन का जिम्मा संभालने वाली कंपनी डीजीटेक्स टेक्नोलॉजी इंडिया के एमडी डेविड मारियो डेविस ने लगाये हैं।
शनिवार को लखनऊ के इंदिरानगर थाने में डेविड मारियो ने प्रोफेसर विनय पाठक समेत दो लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई। FIR में डेविस ने प्रोफेसर पर आरोप लगाया है कि डॉ भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा के कुलपति रहने के दौरान विनय पाठक ने बिलों के भुगतान करने के एवज में उनसे 15 फीसदी कमीशन की मांगा है। जब उन्होंने कमीशन देने ने मना किया तो प्रोफेसर ने कॉट्रेक्ट खत्म करने की धमकी दी। अपने FIR डेविड ने ये भी बताया कि उन्होंने प्रोफेसर को कमीशन के रूप में अब तक 1.41 करोड़ रुपये भी दिए हैं। ये पैसे प्रोफेसर ने खुर्रमनगर निवासी एक्सेल आईसीटी कंपनी के मालिक अजय मिश्रा के माध्यम से लिये।
इतना ही नहीं डेविड ने अपनी शिकायत में भी कहा कि साल 2022-23 के कॉन्ट्रेक्ट करवाने के बदले भी कमीशन की मांग की थी। जब डेविड ने उसकी ये मांग पूरी नहीं कि तो उसने ये कॉन्ट्रेक्ट अजय मिश्रा को दे दिया।
मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी गई। एसटीएफ ने इस मामले में एक निजी कंपनी के मालिक अजय मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
हालांकि अभी तक इस मामले को लेकर कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक की ओर से कोई जवाब सामने नहीं आया है।